अंतर्राष्ट्रीय उँट महोत्सव 11 जनवरी से बीकानेर में आयोजित होगा।

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● BREAKING NEWS ● फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गांव रामसर साइट घोषित, जेके राजस्थान न्यूज | केलनसर : विश्व पर्यावरण दिवस ( 5 जून ) से पूर्व बुधवार की संध्या को भारत के केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री ने घोषणा करके कहा है कि भारत में राजस्थान के फलोदी जिले के खीचन की आर्द्रभूमि और उदयपुर जिले के मेनार गांव (बर्ड गाँव) को रामसर साइट के रूप में मान्यता दी गयी है। खीचन में सर्दी के समय प्रत्येक वर्ष साइबेरिया से असंख्यक झुण्ड के रूप में साइबेरियन कुरजां अपना पड़ाव डालती है क्योंकि ये खीचन की आद्रभूमि वातावरण और पर्यावरण के अनुकूलन है, जिले में लाखों की संख्या में कुरजां के भ्रमण के कारण यहां पर्यटन, संस्कृति, कला, और फलोदी जिले का सामरिक महत्व और अधिक व्यापक स्तर पर बढेगा। खीचन व मेनार को विश्व स्तर पर पहचान : मेनार गाँव प्रदेश व देश का एकमात्र "विश्व में छाया बर्ड गाँव" के रुप में जाना जाता है यहाँ हमेशा बर्ड सुबह से शाम तक देखा जा सकता है। फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गाँव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान, सैंकड़ो देशी व विदेशी सैलानियों का जमावड़ा रहेगा, राजस्थान के दोनों वेटलैण्ड स्थलों की इंटरनेशनल स्तर पर वैश्विक पहचान। भारत में अब 5 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार रामसर साइट की संख्या 91 हो गई है, वहीं राजस्थान में 2 से बढकर 4 रामसर साइट हो चुकी है। रामसर साइट क्या है : रामसर साइट एक ऐसी जगह है जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि होती है, जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित किया जाता है। रामसर कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य आर्द्रभूमियों का संरक्षण और स्थायी उपयोग करना है।

अंतर्राष्ट्रीय उँट महोत्सव 11 जनवरी से बीकानेर में आयोजित होगा।

11 से 14 जनवरी तक आयोजित होगा अन्तराष्ट्रीय ऊँट उत्सव
आइकंस ऑफ़ बीकानेर की थीम पर आयोजित होगा ऊंट उत्सव
स्थानीय कलाकारों को मिलेगा कला प्रदर्शन का मंच
जिला कलेक्टर ने की पूर्व तैयारियों की समीक्षा

बीकानेर | जेके राजस्थान न्यूज | अन्तराष्ट्रीय ऊँट उत्सव का आयोजन 11 से 14 जनवरी तक किया जाएगा।जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने मंगलवार कलेक्ट्रेट सभागार में इस संबंध में आयोजित बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आगामी अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव- आइकंस ऑफ़ बीकानेर की थीम पर आयोजित किया जाएगा।  इसमें स्थानीय कला, संगीत और  संस्कृति में विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाले कलाकारों को इस उत्सव के माध्यम से एक वैश्विक मंच उपलब्ध करवाया जाएगा।
 जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि ऊंट उत्सव में 11 जनवरी को क्लासिकल फॉर्म्स ऑफ़ आर्ट्स के संबंध में विशेष आयोजन किया जाएगा, इस दौरान शास्त्रीय संगीत व शास्त्रीय नृत्य से जुड़े कलाकारों द्वारा विशेष प्रस्तुतियां दी जाएंगी। उत्सव के दौरान 12 जनवरी को धरणीधर स्टेडियम में कला व संस्कृति का फ्यूजन शो का आयोजन किया जाएगा जिसमें स्थानीय लोक कला संस्कृति के रंगों के साथ-साथ कंटेंपरेरी आर्ट  भी जोड़ कर वो आयोजित होगा।  स्थानीय व्यंजन भी इस शो के आकर्षण रहेंगे।

रायसर में आयोजित होगी सेलिब्रिटी नाइट

ऊंटों के साथ घोड़े भी दौड़ेंगे, सहायक निदेशक पर्यटन कृष्ण कुमार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दौरान रायसर में सेलिब्रिटी नाइट आयोजित की जाएगी। जिसमें अग्नि नृत्य के साथ-साथ एक विशेष सेलिब्रिटी को प्रस्तुति हेतु आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रायसर के धोरों में घुड़दौड़ और घोड़ों के नृत्य भी  इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव में आकर्षण के विशेष केंद्र होंगे। कैमल फार्म में प्रतिवर्ष की भांति ऊंट दौड़ आयोजित होगी।कैमल फार्म में ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता ऊंट दौड़ प्रतियोगिता ऊंट डांस प्रतियोगिता एवं ऊंट पर कटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी।
बैठक में जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ऊँट उत्सव में देशी-विदेशी पर्यटकों की अधिक से अधिक भागीदारी रहे, इसके लिए प्लानिंग करते हुए तैयारियां समय पर करें और  प्रचार प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए।पर्यटन विभाग वेबसाईट, समस्त होटल वेबसाईट्स एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को हेरिटेज रूट कि सड़कों, रायसर रोड़ एवं मुख्य मार्गों सहित स्ट्रीट लाइट को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को ऊँट दौड़ तथा हॉर्स रेसिंग प्रतियोगिता के लिए राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र एवं राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने बताया कि कैमल फेस्टिवल के दौरान काइट फ्लाइंग कंपटीशन का आयोजन भी किया जाएगा।
जिला कलक्टर ने ऊंट उत्सव के दौरान होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं को भी आकर्षक रूप देने के निर्देश दिए।उन्होंने बताया कि मेले के दौरान प्रतिदिन शहरी परकोटे में पैदल वॉक और तांगा राइड, हवेली संगीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समस्त कार्यक्रमों का जायजा लेने तथा इससे जुड़े समस्त तैयारियों प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

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