अगर नहीं पता है तो आज जान ही लीजिए ...!
जयपुर | जेके राजस्थान न्यूज़ | भारत एक कृषि प्रधान देश हैं तथा आप एक किसान हैं अपने खेत की उपज को लेकर मंडी में पहुंचते हैं, नियम है कि सबसे पहले आपकी उपज की ग्रेडिंग होगी। आज के दिन मंडी में आने वाला सारा माल ग्रेडिंग के अनुसार वर्गीकृत कर दिया जाएगा और अब मंडी समिति में काम करने वाला एक सरकारी कर्मचारी आकर एक-एक ढेरी की बोली शुरू करेगा। यह बोली सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य या कल के उच्चतम मूल्य से शुरू होगी एवं इससे नीचे भाव मंडी में नहीं लगा पाएंगे और यह शर्त मंडी ने पहले ही पंजीकृत बिचौलियों से तय कर रखी होती है अगर उनको यहाँ व्यापार करना है तो इन नियमों का पालन करना होगा वरना उनका लाइसेंस कैंसिल हो जाएगा।
अगर आपको आज के भाव नहीं जमे तो आप अपने माल को मंडी के भंडार गृह में रख सकते हैं और इस माल की आज की कीमत का तीन चौथाई मूल्य मंडी समिति से प्राप्त कर सकते हैं जब आपको उचित लगे तो आप माल बेचेंगे और मंडी का लोन चुकता कर शेष राशि घर ले जायेंगे यानि आपको मजबूरी में माल नहीं बेचना पड़ेगा।
मंडी समिति यह व्यवस्था रखेगी कि आज के देश की बड़ी मंडियों के भावों से ग्रेड के अनुसार किसानों को अवगत कराया जाए और ये भाव मंडी के प्रांगण में विधिवत रूप से प्रदर्शित किये जायेंगे।
कृषि उपज मंडी को टैक्स से होने वाली आय का तीन चौथाई हिस्सा स्थानीय क्षेत्र के किसानों और गाँवों के हितार्थ खर्च किया जाएगा।
कृषि उपज मंडी समिति यह भी व्यवस्था करेगी कि क्षेत्र के किसान ज्यादा से ज्यादा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाएं। समिति इसके लिए किसानों को लोन दिलवाने की व्यवस्था करेगी।
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