मौसम विभाग कई तरह के अलर्ट जारी करके बताता है ताकि लोग पहले से सचेत रहें. IMD गर्मी, सर्दी और मॉनसून(बारिश) तीनों मौसम में समय-समय पर रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट के जरिए लोगों को अलर्ट करता है. आइए समझते हैं मॉनसून के मौसम में मौसम विभाग के इन अलर्ट के क्या मायने हैं.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert)
ग्रीन अलर्ट का साफ-साफ मतलब है कि मौसम एकदम क्लीयर है और घबराने की कोई बात नहीं है. आप खुद को सुरक्षित समझें, मौसम को लेकर बेफिक्र रहें और अपने रेगुलर काम करें.
येलो अलर्ट (Yellow Alert)
खराब मौसम की आगामी स्थिति को बताने के लिए मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट जारी किया जाता है. ये एक तरह से खतरे की घंटी होती है. ये जस्ट वॉच का सिग्नल है यानी मौजूदा स्थिति में बेशक खतरा नहीं है, लेकिन कभी भी मौसम की खतरनाक स्थिति आपके सामने आ सकती है, इसके लिए तैयार रहें.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert)
ऑरेंज अलर्ट येलो अलर्ट से एक कदम आगे की स्थिति है. इसका मतलब है कि खतरे ने दस्तक दे दी है. अब आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए. इसके बाद कभी भी मौसम की खतरनाक स्थिति आपके सामने आ सकती है. ऐसे में आप खुद को उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार कर लें. ऑरेंज अलर्ट जारी होने पर संबंधित अधिकारियों को तैयार रहने को कहा जाता है और लोगों को इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है.
रेड अलर्ट (Red Alert)
रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब मौसम के कारण भारी नुकसान होने के संकेत होते हैं. सर्दियों में रेड अलर्ट का मतलब ठंडक की खतरनाक स्थिति, बारिश में बाढ़, तूफान और गर्मियों में हीट वेव होता है. कुल मिलाकर रेड अलर्ट का मतलब मौसम की सबसे खतरनाक स्थिति से है. ऐसे में लोगों को अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना चाहिए और सभी नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए.लापरवाही बिल्कुल न करें और बचाव के सारे उपाय आजमाएं.
~ जेके राजस्थान न्यूज, फलोदी
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