फलोदी जिले में वंदे गंगा जल अभियान के तहत 3059 कार्यों का लोकार्पण,16 ग्राम पंचायत लाभान्वित...

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● BREAKING NEWS ● फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गांव रामसर साइट घोषित, जेके राजस्थान न्यूज | केलनसर : विश्व पर्यावरण दिवस ( 5 जून ) से पूर्व बुधवार की संध्या को भारत के केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री ने घोषणा करके कहा है कि भारत में राजस्थान के फलोदी जिले के खीचन की आर्द्रभूमि और उदयपुर जिले के मेनार गांव (बर्ड गाँव) को रामसर साइट के रूप में मान्यता दी गयी है। खीचन में सर्दी के समय प्रत्येक वर्ष साइबेरिया से असंख्यक झुण्ड के रूप में साइबेरियन कुरजां अपना पड़ाव डालती है क्योंकि ये खीचन की आद्रभूमि वातावरण और पर्यावरण के अनुकूलन है, जिले में लाखों की संख्या में कुरजां के भ्रमण के कारण यहां पर्यटन, संस्कृति, कला, और फलोदी जिले का सामरिक महत्व और अधिक व्यापक स्तर पर बढेगा। खीचन व मेनार को विश्व स्तर पर पहचान : मेनार गाँव प्रदेश व देश का एकमात्र "विश्व में छाया बर्ड गाँव" के रुप में जाना जाता है यहाँ हमेशा बर्ड सुबह से शाम तक देखा जा सकता है। फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गाँव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान, सैंकड़ो देशी व विदेशी सैलानियों का जमावड़ा रहेगा, राजस्थान के दोनों वेटलैण्ड स्थलों की इंटरनेशनल स्तर पर वैश्विक पहचान। भारत में अब 5 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार रामसर साइट की संख्या 91 हो गई है, वहीं राजस्थान में 2 से बढकर 4 रामसर साइट हो चुकी है। रामसर साइट क्या है : रामसर साइट एक ऐसी जगह है जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि होती है, जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित किया जाता है। रामसर कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य आर्द्रभूमियों का संरक्षण और स्थायी उपयोग करना है।

फलोदी जिले में वंदे गंगा जल अभियान के तहत 3059 कार्यों का लोकार्पण,16 ग्राम पंचायत लाभान्वित...

मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान 2.0 प्रथम चरण के 3059 कार्यों का किया गया लोकार्पण 

ग्राम पंचायतों में अभियान के तहत हुआ भूमि पूजन, पौधारोपण, श्रमदान एवं जल संरक्षण का ग्रामीणों ने लिया संकल्प 

जेके राजस्थान न्यूज | फलौदी: वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत जिले में विभिन्न विभागों द्वारा प्रतिदिन जल संरक्षण, जल पूजन, पौधारोपण व जागरूकता से संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा। जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग अधीक्षण अभियंता घासी लाल मीणा ने बताया कि मंगलवार को मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान 2.0  प्रथम चरण के तहत जिले की 16 ग्राम पंचायतों में जलग्रहण विभाग द्वारा बनाए गए 595 टांका, 868 छत का टांका,778 फॉर्म पौंड, 809  बागबानी सहित कुल 3059 कार्यों का लोकार्पण किया गया। उन्होंने सार्वजनिक सभा में ग्रामीणों को पूर्ण हुए सभी कार्यों  की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए लागत राशि तथा लाभ के बारे में बताया। 

मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान 2.0 के तहत फ़रवरी 2024 से जून 2025 तक कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था। जिसके तहत कार्यों का निर्माण 16 ग्राम पंचायतों में किया गया। 

जिले में लोकार्पण कार्य आऊ उपखंड की ग्राम पंचायत इंदो का बास, बरसिंगों का बास, बाप उपखंड की ग्राम पंचायत खिदरत, बापिणी उपखंड की ग्राम पंचायत ईशरु,देचू उपखंड की ग्राम पंचायत चाँदसमां, रामनगर, खेड़ा बागोडिया, घंटियाली उपखंड की ग्राम पंचायत पड़ियाल, आसोलाई, लोहावट उपखंड की ग्राम पंचायत चंदनपुरा, दयाकोर, सदरी, फलौदी उपखंड की ग्राम पंचायत लॉर्डिया, जुनेजो की ढाणी,बापिणी में करवाएं गए। इस दौरान संबंधित पंचायत समिति प्रधान,उप प्रधान,सरपंच,जिला परिषद सदस्य सहित अधिकारी उपस्थित रहें।
    लोकार्पण- वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान
  लाॅर्डिया में पौधारोपण, जन जागरुकता अभियान
     दयाकोर में वंदे गंगा जल लोकार्पण कार्यक्रम
    वंदे गंगा जल अभियान बागोडिया में जल शपथ
अभियान के तहत ईशरु में श्रमदान करते हुए लोग
 वंदे गंगा जल अभियान, फेज -१ ईशरु में लोकार्पण
     वंदे गंगा जल अभियान के तहत ग्राम पंचायत  आसोलाई ब्लाॅक घंटियाली में पौधारोपण 

अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों ने भूमि पूजन, पौधारोपण, स्वच्छता के लिए श्रमदान किया गया। ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि वर्षा के जल का संग्रहण करेंगे तथा जल का सदुपयोग करने के साथ अधिकाधिक लोगों को जलसंग्रहण के लिए जागरूक किया जाएगा।

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