फलोदी जिला कलक्टर ने बाढ एवं आपदा प्रबंधन की तैयारियो की समीक्षा, SDM सहित अन्य अधिकारी रहे उपस्थित.

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● BREAKING NEWS ● फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गांव रामसर साइट घोषित, जेके राजस्थान न्यूज | केलनसर : विश्व पर्यावरण दिवस ( 5 जून ) से पूर्व बुधवार की संध्या को भारत के केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री ने घोषणा करके कहा है कि भारत में राजस्थान के फलोदी जिले के खीचन की आर्द्रभूमि और उदयपुर जिले के मेनार गांव (बर्ड गाँव) को रामसर साइट के रूप में मान्यता दी गयी है। खीचन में सर्दी के समय प्रत्येक वर्ष साइबेरिया से असंख्यक झुण्ड के रूप में साइबेरियन कुरजां अपना पड़ाव डालती है क्योंकि ये खीचन की आद्रभूमि वातावरण और पर्यावरण के अनुकूलन है, जिले में लाखों की संख्या में कुरजां के भ्रमण के कारण यहां पर्यटन, संस्कृति, कला, और फलोदी जिले का सामरिक महत्व और अधिक व्यापक स्तर पर बढेगा। खीचन व मेनार को विश्व स्तर पर पहचान : मेनार गाँव प्रदेश व देश का एकमात्र "विश्व में छाया बर्ड गाँव" के रुप में जाना जाता है यहाँ हमेशा बर्ड सुबह से शाम तक देखा जा सकता है। फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गाँव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान, सैंकड़ो देशी व विदेशी सैलानियों का जमावड़ा रहेगा, राजस्थान के दोनों वेटलैण्ड स्थलों की इंटरनेशनल स्तर पर वैश्विक पहचान। भारत में अब 5 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार रामसर साइट की संख्या 91 हो गई है, वहीं राजस्थान में 2 से बढकर 4 रामसर साइट हो चुकी है। रामसर साइट क्या है : रामसर साइट एक ऐसी जगह है जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि होती है, जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित किया जाता है। रामसर कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य आर्द्रभूमियों का संरक्षण और स्थायी उपयोग करना है।

फलोदी जिला कलक्टर ने बाढ एवं आपदा प्रबंधन की तैयारियो की समीक्षा, SDM सहित अन्य अधिकारी रहे उपस्थित.

बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने अधिकारियों को सक्रिय रहने व मजबूत सूचना तंत्र विकसित करने के दिए निर्देश...

फलौदी | जेके राजस्थान न्यूज | जिला कलक्टर एच.एल अटल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला कलक्टर ने उपखंड अधिकारियों व विकास अधिकारियों को सूचना तंत्र को सक्रिय बनाने के लिए पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सहायक तथा अन्य कर्मचारियों को सक्रिय रखने के निर्देश दिए ताकि आपदा की तुरंत सूचना प्राप्त हो और जल्द से जल्द राहत की कार्यवाही की जा सके।  

कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उन गांवों को अभी से ही चिन्हांकित कर सूची बना लेवे, जो नदी, नालों के किनारे है, एवं बाढ़ से प्रभावित हो सकते है।  नगर परिषद आयुक्त को निर्देशित किया कि मानसून के मद्देनजर शहरी क्षेत्रों में सीवरेज व ड्रेनेजे सिस्टम में सुधार करते हुए नालों कि सफाई नियमित रूप से कराएं जिससे कि जल भराव कि स्थिति उत्पन्न नहीं हो साथ ही जलभराव में दुर्घटना संभावित स्थलों कि जांच कर आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय समय रहते अपनाएं।

संवेदनशील स्थानों की सूची तैयार रखते हुए पूर्व तैयारी सुनिश्चित करें:
जिला कलक्टर ने अधिकारियों को आपदा के समय प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए शासकीय भवनों एवं स्थानों को चिह्नित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को ख़राब सड़को को सही करवाते हुए मिट्टी के कट्टों का प्रबंधन उपखंड वार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा की स्थिति में आवश्यक संसाधनों का प्रबंधन पहले से रखने के निर्देश दिए। 

जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियों से जर्जर स्थिति वाले भवनों की सूचना भिजवाने तथा असुरक्षित भवनों के बाहर बोर्ड शहरी क्षेत्र में नगर परिषद आयुक्त व ग्रामीण क्षेत्रों में विकास अधिकारियों को लगवाने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी को सर्वे करवाकर सभी विद्यालयों की सूचना भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में आपदा प्रबंधन को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन कर तैयारी पुख्ता रखें।

आवश्यक सेवाओं के लोगों के संपर्क सूत्र अपडेट रखें :- 
जिला कलक्टर ने गोताखोरों, चिकित्सकों, प्लम्बर, नाव चालक, खाद्य आपूर्तिकर्ता आदि के मोबाइल नम्बर व अन्य संपर्क संबंधी जानकारी की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सम्पर्क किया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य अमले की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। जिले में बाढ़ आपदा के समय पहुंच विहीन ग्रामों में दवाओं का स्टॉक व डॉक्टर्स की व्यवस्था पूर्व से ही की जाए। साथ ही खाद्य पैकेटों की तैयारियों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने सभी उपखंड अधिकारियों को आपात स्थिति की एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए।

 कन्ट्रोल रूम बनाने तथा मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश:- 
जिला कलक्टर ने बाढ़ एवं आपदा की सूचना के लिए जिला स्तर व उपखंड स्तर पर कंट्रोल रूम बनाने तथा सजग व प्रशिक्षित कर्मिकों को तैनात करने के निर्देश दिए। जिससे समय पर सूचना प्राप्त हो सके व सहायता पहुंचाई जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों व कार्मिकों को मुख्यालय पर रहने तथा बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर रिसोर्स की पहले से प्लानिंग तैयार कर लेवें। जनरेटर, पंप सेट, मिट्टी कट्टे आदि की संख्या सूची पहले से तैयार रखें। 

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर अजय, एसीईओ गौतम चौधरी, बाप उपखंड अधिकारी सुखराम पिण्डेल, फलौदी उपखंड अधिकारी सुनील पंवार, देचू उपखंड अधिकारी अमृता खंडेलवाल, लोहावट उपखंड अधिकारी पूनम चंद, बापिणी उपखंड अधिकारी गजेन्द्र शर्मा,विकास अधिकारी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।

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