आऊ क्षेत्र के श्री वीर तेजा धाम स्थल पर आज तेजा दशमी के अवसर पर जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ अहम मीटिंग एवं मेले का आयोजन...

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आऊ क्षेत्र के श्री वीर तेजा धाम स्थल पर आज तेजा दशमी के अवसर पर जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ अहम मीटिंग एवं मेले का आयोजन...

जोधपुर / आऊ क्षेत्र के श्री वीर तेजा धाम स्थल पर आज तेजा दशमी के अवसर पर आसपास के गावो  के लोग संघ के द्वारा श्री वीर तेजा धाम आऊ  मे पधारे, 

 कोरोनावायरस के चलते सरकार की संपूर्ण गाइड लाइन की  अनुपालना पूरी तरह से की गई । मंदिर का निर्माण कराने में अनेक भामाशाह होने बढ़-चढ़कर सहयोग किया जिसमें सबसे पहले सबसे अधिक सहयोग देने वाले भामाशाह प्रधानाचार्य श्री मल्लू राम जी मायला , भंवरलाल मायला उदयनगर  देणोक , धन्नाराम  बड़ियासर  और  रामेश्वर नैण  ( पूर्व सरपंच  - साठिका  ) आदि।
इस दौरान अनेक गांवों से पधारे मूलाराम गोरच्छिया लक्षमणनगर, मांगीलाल गोरच्छिया,   कुम्भाराम  माकड़ , धर्माराम पूनियाँ चिमाणा , चेतनराम लूणा , केसुराम , मागीलाल  कुकणा  घंटियाली,  मुल्तानाराम कड़वासरा,  जगदीश राम जाखड,  पप्पुराम पूनियाँ केलनसर,  श्रीमान प्रधानाचार्य मल्लूराम मायला,  नारायण सिंह ( पूर्व सरपंच ) , फौजी  देदाराम मायला, 
भोमाराम मायला और भंवरलाल मायला उदयनगर ,  सुमेर सिंवर  ( सरपंच - बरसिंगो का बास ) , देणोक आदि। 

 श्री वीर तेजा धाम की कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार आज यहां पर जाट महासभा का आयोजन रखा गया जिसमें  सभी जाट समाज के प्रतिनिधियों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि हमारे समाज में अनेक व्याप्त कुरीतियां पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में सटीक निर्णय लिया गया जिसमें सर्वप्रथम मृत्यु भोज , बाल विवाह , अफीम की मान मनुहार,  ओढ़ावणी और पत्ति के जीवित होते हुए भी लड़की का पुनर्विवाह करना समाज के लिए अभिशाप माना हैं ,

और नशामुक्ति की तरफ चलने एवं गुण,  व्यवहार और संस्कार अपनाने को कहा गया,  मल्लूराम जी मायला ने  " बताया कि अगर मृत्यु भोज को एकदम बंद नहीं कर पाएंगे लेकिन उसका दायरा सीमित करके इसको आसानी से खत्म किया जा सकता है। "
इसी के बीच नारायण सिंह मायला का सुझाव आया है कि हर गाँव में इस विषय को लेकर बैठक करनी चाहिए जिससे कि समाज में व्याप्त ऐसी कुरीतियों के बारें में जागृत किया जा सकता है। 
विशेष सहयोग कर्ता बाबुराम मूंड ( सरपंच गोरच्छिया का बेरा ) , आऊ ,( मंच संचालक) ।

कौन कौन से फैसले स्वीकार करने योग्य हैं? 

मृत्यु भोज बंद करना ,

अफिम की मान मनुहार बंद करना ,

बाल विवाह प्रथा पर पूरी तरह से प्रतिबंध ,

गर्म मसाले का सीमित उपयोग ,  मिठाई न बनाना आदि।

                  
   घंटियाली , फलोदी , राजस्थान
                    संपादक 
              जगदीश राम जाखड़ 
          Mobile : 6376236979

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