यह बात उन दिनों की है जब पश्चिमी राजस्थान में किसान नेता और राजस्थान विधानसभा के स्पीकर रह चुके स्वर्गीय परसाराम मदेरणा के नेतृत्व में जोधपुर जिले के ओसियां के मेला मैदान मे एक विशाल जनसभा का आयोजन हुआ।
हजारों लोगों की भीड़ के बीच मंच पर जब माईक से एक बुलंद और तेजतर्रार आवाज गूंजी तो पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, लोगों के रोंगटे खड़े हो गये.. ठीक दस साल बाद वहीं दबंग आवाज ओसियां से राजस्थान की विधानसभा मे बतौर विधायक गूंजती हैं… दिव्या मदेरणा ।
तब राजनीतिक जीवन में पहली बार किसी बड़े मंच से दिव्या मदेरणा ने अपना भाषण दिया था। उस दिन मंच पर बड़े साहब परसराम मदेरणा भी मौजूद थे ।
भाषण सुनकर लोगों के बीच चर्चा थी कि दिव्या मे बड़े साहब की झलक दिखती हैं..और ये राजनीति मे बहुत आगे जाएगी.. बोलने का लहजा , हाथों के इशारे और साहब की तरह रोबीली छवि.. धारा प्रवाह भाषण और उनके भाषण देने का अंदाज़ किसी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के राजनेताओं से कहीं कम नहीं... ।
उसूल , ईमानदारी मदेरणा परिवार की पहचान रही हैं... सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करना, किसी विद्वान ने कहा हैं कि हमेशा अपने सिद्धांतों पर चलो चाहे ऐसा करने वाले आप दुनिया मे अकेले ही क्यों ना हो.... वैसा ही उदाहरण हैं मदेरणा परिवार के उन्हीं सिद्धांतों की राजनीति को आज आगे बढा रही हैं दिव्या मदेरणा..
राजनीति दिव्या जी को भलेही विरासत मे मिली हो पर उनकी काबिलियत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है।
उन्होंने लोगों के बीच जाकर अपनी छवि बनाई हैं। अपने हुनर के दम पर अपनी एक अलग पहचान स्थापित की हैं ।
चाहे परिस्थितियां कैसी भी विषम आयी हो, उनका डटकर मुकाबला किया।.कभी हौसला कमजोर नहीं पड़ने दिया तो परिवार मे जिम्मेदारी संभालने के साथ - साथ राजनीतिक वजूद भी कायम रखा जो फर्ज एक बेटा अदा नहीं कर सकता उससे बढकर बेटी होते हुए भी जिम्मेदारी निभाई.. दिव्या मदेरणा की कहानी संघर्षशील महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। दिव्या मदेरणा महिला सशक्तिकरण की रोल मॉडल हैं, दिव्या मदेरणा की तुलना दुनियाभर की उन राजनैतिक महिलाओं से की जानी चाहिए जिन्होंने इतनी विषम परिस्थितियों मे संघर्ष करके ये मुकाम हासिल किया है ।
आज वूमन राइट्स के बड़े - बड़े सेमीनारों में दिव्या मदेरणा बतौर मुख्य वक्ता बुलाई जा रही है और वहां पर जिस तरह वो खुलकर अपनी बात रखती है सुनने वाले बहुत प्रभावित होते हैं ।
उच्च शिक्षित दिव्या जी के फर्राटेदार भाषण , हिन्दी के साथ अंग्रेजी पर मजबूत पकड़। जब अधिकारियों से बात करनी हो तो उनसे अंग्रेजी मे बात करना... बहुत कम शब्दों मे स्पष्ट बात..कोई अधिकारी मजाल की काम टाल दे...एक काम के लिए कभी वापस कहने की जरूरत नही पड़ती...भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं..।
मदेरणा परिवार के 70 साल के राजनीतिक इतिहास मे एक रुपये के भी भष्टाचार का दाग नहीं...
अधिकारी रिश्वत लेने से डरते है.. मदेरणा परिवार की कुशल प्रशासनिक पकड़ वाकई में गज़ब की है ।
युवाओं के बीच तेजी से दिव्या जी की लोकप्रियता बढी हैं..
सोशल मीडिया से लेकर हर प्लेटफार्म पर उनके फॉलोअर्स दिनोंदिन बढ रहे हैं.. उनके भाषण का हर कोई कायल हैं..। जिस तरह जनहित से जुड़े हर मुद्दे पर दिव्या मदेरणा सोशल मीडिया पर हर समय एक्टीव नजर आती है चाहे अपनी ही सरकार हो वो हमेशा ग़लत को ग़लत कहने की बेबाकी से हिम्मत रखती है ।
आदरणीय परसराम मदेरणा साहब और महिपाल मदेरणा साहब के निधन के बाद जो राजनीतिक रिक्तता किसान वर्ग में छाई थी दिव्या मदेरणा ने उस रिक्तता को भरने का काम बहुत बखूबी से किया है ।
हाल ही में भोपालगढ में हुए दिव्या मदेरणा पर हमला उनकी बढती लोकप्रियता एवं राजनैतिक दबदबा का कारण है यही उन्हें विधानसभा चुनाव 2023 में राजनैतिक शक्ति प्रदर्शन को अधिक सार्थक बनाने में मददगार साबित होगा, वही विधानसभा क्षेत्र बिलाड़ा,भोपालगढ और फलौदी से चुनावी प्रत्याशी दिव्या गुट से विजय होने की पूरी संभावना जताई जा सकती हैं।
रिपोर्टर - जगदीशराम जाखड़
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