राजस्थान के इन 13 जिलों में सूखे से प्रभावित किसानों को मिलेगा अनुदान

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● BREAKING NEWS ● फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गांव रामसर साइट घोषित, जेके राजस्थान न्यूज | केलनसर : विश्व पर्यावरण दिवस ( 5 जून ) से पूर्व बुधवार की संध्या को भारत के केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री ने घोषणा करके कहा है कि भारत में राजस्थान के फलोदी जिले के खीचन की आर्द्रभूमि और उदयपुर जिले के मेनार गांव (बर्ड गाँव) को रामसर साइट के रूप में मान्यता दी गयी है। खीचन में सर्दी के समय प्रत्येक वर्ष साइबेरिया से असंख्यक झुण्ड के रूप में साइबेरियन कुरजां अपना पड़ाव डालती है क्योंकि ये खीचन की आद्रभूमि वातावरण और पर्यावरण के अनुकूलन है, जिले में लाखों की संख्या में कुरजां के भ्रमण के कारण यहां पर्यटन, संस्कृति, कला, और फलोदी जिले का सामरिक महत्व और अधिक व्यापक स्तर पर बढेगा। खीचन व मेनार को विश्व स्तर पर पहचान : मेनार गाँव प्रदेश व देश का एकमात्र "विश्व में छाया बर्ड गाँव" के रुप में जाना जाता है यहाँ हमेशा बर्ड सुबह से शाम तक देखा जा सकता है। फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गाँव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान, सैंकड़ो देशी व विदेशी सैलानियों का जमावड़ा रहेगा, राजस्थान के दोनों वेटलैण्ड स्थलों की इंटरनेशनल स्तर पर वैश्विक पहचान। भारत में अब 5 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार रामसर साइट की संख्या 91 हो गई है, वहीं राजस्थान में 2 से बढकर 4 रामसर साइट हो चुकी है। रामसर साइट क्या है : रामसर साइट एक ऐसी जगह है जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि होती है, जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित किया जाता है। रामसर कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य आर्द्रभूमियों का संरक्षण और स्थायी उपयोग करना है।

राजस्थान के इन 13 जिलों में सूखे से प्रभावित किसानों को मिलेगा अनुदान

राजस्थान प्रदेश के इन 13 जिलों में सूखे से प्रभावित किसानों को मिलेगा अनुदान, जानें कितनी मिलेगी अनुदान राशि?


जयपुर | जेके राजस्थान न्यूज | राजस्थान में सूखे की चपेट में आकर खरीफ 2023 की खराब हुई फसलों के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार प्रभावित किसानों को आदान अनुदान के रूप में सहायता देने के लिए प्रदेश के 13 जिलों के जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के आपदा प्रबंधन सहायता विभाग की ओर से जारी निर्देशानुसार खरीफ में बोई फसल का 33 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है तो 8500 रुपए से लेकर 22 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषि आदान अनुदान दिया जाएगा।


राज्य के इन जिलों में पड़ा था सूखा

खरीफ 2023 की फसल के दौरान अजमेर, ब्यावर, बाड़मेर, बालोतरा, बीकानेर, चूरू, डूंगरपुर, दूदू, जैसलमेर, जोधपुर, फलोदी एवं नागौर जिले में कुछ तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया था। सरकार के निर्देशानुसार इन जिलों में खरीफ फसल 2023 में दो हैक्टेयर व दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले लघ़ु सीमांत एवं अन्य काश्तकारों की फसलों में सूखे से 33 प्रतिशत से अधिक खराबा हुआ है तो इन पात्र काश्तकारों को 11 जुलाई 2023 को जारी मानदंडों के अनुसार अनुदान सहायता वितरित करनी है।


किसानों को यह मिलेगी सहायता राशि

1. असिंचित क्षेत्र के प्रभावित काश्तकार को 8500 रुपए प्रति हेक्टेयर।


2. बिजली कुआं या नहर से सिंचित क्षेत्र को 17000 रुपए प्रति हेक्टेयर।


3. बारहमासी फसलों वाले क्षेत्र को 22500 रुपए प्रति हेक्टेयर।


तहसीलदारों ने मांगे दस्तावेज

सरकार की ओर से सहायता देने के आदेश मिलने के बाद सूखा प्रभावित क्षेत्र के तहसीलदारों ने किसानों के लिए आम सूचना जारी कर दी है। इसमें पात्र किसानों को आधार कार्ड और जमाबंदी की प्रति पटवारी को 30 जनवरी तक जमा कराने के लिए कहा गया है। यह डाटा पटवारी की ओर से सहायता के लिए खोले गए पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जिसके आधार पर जिला कलक्टर सहायता राशि का वितरण किसानों को करेंगे।

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