जनगणना 2027 दो चरणों में कराने का फैसला, अधिसूचना 16 जून को होगी जारी

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● BREAKING NEWS ● फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गांव रामसर साइट घोषित, जेके राजस्थान न्यूज | केलनसर : विश्व पर्यावरण दिवस ( 5 जून ) से पूर्व बुधवार की संध्या को भारत के केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री ने घोषणा करके कहा है कि भारत में राजस्थान के फलोदी जिले के खीचन की आर्द्रभूमि और उदयपुर जिले के मेनार गांव (बर्ड गाँव) को रामसर साइट के रूप में मान्यता दी गयी है। खीचन में सर्दी के समय प्रत्येक वर्ष साइबेरिया से असंख्यक झुण्ड के रूप में साइबेरियन कुरजां अपना पड़ाव डालती है क्योंकि ये खीचन की आद्रभूमि वातावरण और पर्यावरण के अनुकूलन है, जिले में लाखों की संख्या में कुरजां के भ्रमण के कारण यहां पर्यटन, संस्कृति, कला, और फलोदी जिले का सामरिक महत्व और अधिक व्यापक स्तर पर बढेगा। खीचन व मेनार को विश्व स्तर पर पहचान : मेनार गाँव प्रदेश व देश का एकमात्र "विश्व में छाया बर्ड गाँव" के रुप में जाना जाता है यहाँ हमेशा बर्ड सुबह से शाम तक देखा जा सकता है। फलोदी जिले के खीचन और उदयपुर के मेनार गाँव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान, सैंकड़ो देशी व विदेशी सैलानियों का जमावड़ा रहेगा, राजस्थान के दोनों वेटलैण्ड स्थलों की इंटरनेशनल स्तर पर वैश्विक पहचान। भारत में अब 5 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार रामसर साइट की संख्या 91 हो गई है, वहीं राजस्थान में 2 से बढकर 4 रामसर साइट हो चुकी है। रामसर साइट क्या है : रामसर साइट एक ऐसी जगह है जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि होती है, जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित किया जाता है। रामसर कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य आर्द्रभूमियों का संरक्षण और स्थायी उपयोग करना है।

जनगणना 2027 दो चरणों में कराने का फैसला, अधिसूचना 16 जून को होगी जारी

जेके राजस्थान न्यूज | नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनगणना-2027 में दो चरणों में कराने की घोषणा की है और इसके लिए अधिसूचना 16 जून को जारी की जाएगी। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों जनगणना का काम अगले साल सितंबर में ही शुरू किया जा सकता है। बाकी प्रदेशों में यह काम फरवरी 2027 में शुरू किए जाने की संभावना है।

देश में कितने चरणों में जनगणना:
सरकार के निर्णय के अनुसार इस बार की जनगणना में जातियों की गणना भी शामिल होगी। पिछली जनगणना 2011 में की गयी थी और उस समय भी यह काम दो चरणों में पूरा किया गया था। गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि जनगणना - 2027 के लिए संदर्भ तिथि “ एक मार्च, 2027 को 00:00 बजे” की रखी जाएगी। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फीले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि “ अक्टूबर, 2026 के प्रथम दिन 00:00 बजे” रखी गई है। 

किस अधिनियम के तहत होगी जनगणना :
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना आगमी 16 जून को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। 

जनगणना 2021 में क्यों नहीं हो पायी :
सरकार 2021 की जनगणना कोविड के कारण नहीं करा सकी थी। जनगणना-2021 के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गई थी और पहली अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में फील्ड वर्क शुरू होने वाला था। महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा था।

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